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जीवन यात्रा

  • Writer: Manoj  Mittal
    Manoj Mittal
  • Sep 17, 2024
  • 1 min read

Updated: Dec 6, 2024








बीता जीवन सोचते विचारते

क्या है जीवन और जीवन यात्रा ?


साँसों के आने से

साँसों के जाने तक

साँसों की सिर्फ एक आदत ?


मृत्युलोक मे आने से

मृत्यु पर काँधे पर जाने तक

मायावी दुनिया का बहकाव ?


जीवन मृत्यु के चक्र से

मुक्त हो मोक्ष पाने तक

एक फलसफे पर अटूट विश्वास ?


सृष्टि के सृजन से

सृष्टि के आलोप तक

ब्रम्हांड मे मन की भटकन ?


अंधकार में विचरने से

दिव्य प्रकाश पुंज के दर्शन तक

अंतर्मन की एकाकी साधना ?


या फिर  

मनुष्यत्व से देवत्व तक

पहुचने का कठिन तप ?

 

कुछ भी हो पर -

ये है एक अविरल अनंत यात्रा

और असंभव है इसको बूझ पाना |  

 

 

आलोप- समाप्त होना / अदृश्य होना  



[मनोज मित्तल ,नोएडा, 17 सितंबर 2024]

 

 

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