बाज़ार
- Manoj Mittal
- Jun 12, 2024
- 3 min read
Updated: Jun 13, 2024

अपने देश भारत में तो साप्ताहिक बाजार या हाट बहुत प्रचलित है | यहाँ लोग फल सब्जी व अन्य जरूरी घर का सामान सस्ते दामों में खरीदते हैं | हाँ हो सकता है समाज का एक धनाड़्य वर्ग वहाँ ना जाता हो या उसकी आवश्यकता ना महसूस करता हो परन्तु ताजी सब्जी व फल आदि के लिए तो ये बाजार उनके लिए भी एक अच्छा विकल्प होते है | ये बाजार अक्सर सड़कों के किनारे पटरी पर टेंट लगा कर रेडड़ियों पर शाम को लगा करते हैं | रात को रौशनी के लिए अक्सर पेट्रोमेक्स या फिर मेन लाइन से तार डालकर बल्ब की व्यवस्था होती है | लोग पैदल या फिर साइकिल , रिक्शा, मोटर बाइक व कार से भी इन बाजारों में आते है | महिलाओं की संख्या ज्यादा होती हैं | सड़क जाम, शोर, मोल भाव व तोल को लेकर अक्सर नोकझोंक होती रहती है | चोर उचक्कों व जेबकतरों की भी इन बाजारों मे खूब चाँदनी होती है | लोगों को बड़े बड़े थैलों व झोलों में सामान ले जाते खूब देखा जा सकता है | लोग सामान नगद खरीदते हैं पर आजकल फोन से Paytm भी बहुत प्रचलित हैं | दुकानदार सब्जी व अन्य सामानों का हिसाब मुहजबानी बिना कैलक्यूलेटर के इतनी जल्दी व सटीक लगाते है की हैरानी होती है | पुलिस वालों को भी अपना हफ्ता वसूलते खुलेआम देखा जा सकता है | ये बाजार अलग अलग जगहों पर अलग अलग दिनों में लगते हैं | इस प्रकार के अधिकांश दुकानदार शायद यही काम करते हैं | सिर्फ जगह बदलनी होती हैं | ये दुकानदार बड़ी मंडीयो से थोक में सब्जी व फल लाकर इन बाजारों में बचेते हैं | कुछ छोटे दुकानदार अपने खेतों से लाकर भी बेचते मिल जाते हैं | बाजार खत्म होने के बाद चारों ओर गंदगी फैली होती है जिसे साफ होने में भी कई बार कई दिन लग जाते हैं | ये बाजार दुकानदारों व खरीदारों दोनों के लिए फायेदेमंद है पर आसपास रहने वालों के लिए बहुत सिरदर्द भी है | हम सबने कभी ना कभी इन साप्ताहिक बाजारों का अनुभव अवश्य ही किया होगा |

अभी कुछ दिनों पहले मुझे अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में सेनफ्रांसिस्को के पास माउंटेन व्यू फार्मर मार्केट जाने का अवसर मिला | पता लगा की ऐसे फार्मर मार्केट अमेरिका में जगह जगह सप्ताह में एक बार रविवार को लगते हैं | जहाँ आस पास के किसान अपने फल , सब्जी , बेकरी का सामान, dry fruits,शहद व जूस आदि बेचने के लिए आते हैं | ये समान उनका खुद का बनाया व उगाया हुआ ही होता हैं तथा खुद उनके परिवारों के लोग ही उनको बेच रहे होते हैं | ये मार्केट दिन में लगभग 10 बजे से 1 बजे तक रहते हैं | माउंटेन व्यू का ये फार्मर मार्केट एक लोकल ट्रेन की पार्किंग में लगता हैं | आने वाले अधिकांश लोग अपनी कारों से ही आते हैं | कारों के लिए वहाँ बहुत अच्छी वयवस्था थी | मार्केट की सभी दुकाने बहुत वयवस्थित तरीके से लगी थी | सामान को छाँट कर खरीद सकते थे | कई चीजों को तो चखकर भी लिया जा सकता था | मार्केट के अंदर सिर्फ पैदल चलकर ही घूम सकते थे | आने जाने , समान खरीदने व भुगतान करने की वयवस्था बहुत नियोजित थी | कही सड़क जाम नहीं , कोई शोर शराबा नहीं , कोई मोल भाव नहीं , कोई भगदड़ नहीं और कोई गंदगी नहीं | सुबह की धूप बहुत अच्छी लग रही थी | मार्केट में काफी चहल पहल थी| अधिकांश लोग परिवार सहित आए थे क्योंकि रविवार को सबकी छुट्टी होती है |

सब्जी व फलों की भरमार थी | सब एकदम ताजे थे और हमारे देश से बहुत अलग थे | अधिकतर सब्जियों व फलों के साइज़ बहुत बड़े थे | गोभी , बीन्स, मशरूम , बेरीस की इतनी वराइटी थी कि मैं देखकर दंग ही रह गया | नारियल पानी इतना मीठा था की लगता था जैसे चीनी घोल दी हो | यहाँ दाम भी अन्य स्थानों से थोड़े कम ही होतें है |कई दुकानदारों का सामान तो एक घंटे में ही खतम हो गया और वो दुकान dismantle करके अपनी कार/ट्रक में वापस भी चले गए | मार्केट समय समाप्त होने के बाद वहाँ कोई गंदगी नहीं | सब साफ सुथरा | हम भी उस दिन काफी सब्जी फल व ब्रेड आदि लेकर आए | ये मार्केट वास्तव में साप्ताहिक फार्मर मार्केट लगा व वहाँ जाकर बहुत आनंद आया |
में सोच रहा था की दोनों ही साप्ताहिक बाजार हैं जो एक जैसे होते हुए भी कितने अलग है |
[ मनोज मित्तल , San Jose, जून 12, 2024]
Unfortunately, I can't read Hindi! I see that you are in San Jose. From 18th May to 11th June, I was in Milpitas and San Roman only!